पाल समाज में आपका स्वागत है...
विश्व का मार्गदर्शन करने वाला पाल समाज आज कहा जा रहा है | गौरवमयी इतिहास का मालिक , वेदो का सृजनकर्ता , हमारा समाज जिसने अपने गीतों के माध्यम से ऋचाओं की रचना की | वेदों का मूलतत्व मेष पालकों के गीत हुआ करते थे | घुमक्कड़ रही जाती ने पुरे विश्व को अनजाने अनेक बार भारत की अस्मिता की रक्षा करने का कार्य किया है | परन्तु कुछ तथा कथित समाज की अग्रणी जातियों ठेकेदारों ने पाल समाज बहुत सीधा है कहकर हमको अपने में खुश रहने की सीमा में बांध दिया |
Read More
Ad Booking for Magazine